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Shahpura District History Culture & Geography || Shahpura Jila Darshn

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के नवसृजित जिले शाहपुरा के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के  शाहपुरा जिले से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे-  जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, शाहपुरा जिले का मानचित्र,  जिले की सीमा,Shahpura District Map,ShahpuraDistrict History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

शाहपुरा जिला जयपुर जिले का एक भाग था जिसे जिला घोषित किया गया था शाहपुरा राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है जिसका नाम मुगल सम्राट शाहजहाँ के नाम पर रखा गया है। शाहपुरा अपनी हस्तशिल्प के साथ-साथ रंगाई-बुनाई के लिए भी प्रसिद्ध है। यह शहर चारों ओर से दीवारों से घिरा हुआ है और लकड़ी के काम में कुशल कारीगरों का भी घर हैउनके बाद राव रायमल, राव सुजा और राव लूणकरण अमरसर के शासक बने। राव मनोहर ने अपने पिता राव लूणकरण के उत्तराधिकारी के रूप में मनोहरपुर की स्थापना की, जिसे बाद में शाहपुरा के नाम से जाना गया |

Shahpura District विधान सभा सीटे

1. शाहपुरा

2. जहाजपुर 

जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय

  • घोषणा-17 मार्च, 2023
  • मंत्रिमण्डल मंजूरी-04 अगस्त, 2023
  • अधिसूचना जारी-06 अगस्त, 2023
  • अधिसूचना लागू-07 अगस्त, 2023
  • स्थापना दिवस-07 अगस्त, 2023
  • उद्घाटनकर्ता-महेश जोशी (जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री)
  • किस जिले को तोड़कर बनाया-भीलवाड़ा
  • प्रथम कलेक्टर-डॉ. मंजू
  • प्रथम पुलिस अधीक्षक-आलोक श्रीवास्तव
  • संभाग-अजमेर संभाग के अंतर्गत
  • सीमा-04 जिलों (केकड़ी, टोंक, बूंदी, भीलवाड़ा) से सीमा लगती है

Shahpura District History Culture & Geography के महत्वपूर्ण जानकारी

  • फड़ चित्रण प्रसिद्ध त्रिमूर्ति स्मारक – शाहपुरा
  • फूलडोल महोत्सव – शाहपुरा
  • रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रधान पीठ – शाहपुरा
  • बनेड़ा महल-सरदार सिंह द्वारा निर्मित -बनेडा (शाहपुरा)
  • शाहपुरा का खजुराहों – बनेडा (शाहपुरा)
  • चिमना बावड़ी मिट्टी के खिलौने प्रसिद्ध – जहाजपुर (शाहपुर)
  • महाभारत कालीन शिलालेख – जहाजपुर (शाहपुर)
  • घाटारानी का मेला – जहाजपुर (शाहपुर)
  • राजस्थान में प्रथम सोने की खान – कोटडी (शाहपुर)

 

शाहपुरा में स्थित सागर

1. उम्मेद सागर

2. नाहर सागर

3. कमल सागर

अड़वान बाँध – शाहपुरा जिले में स्थित है। मान्शी नदी पर स्थित बाँध जो खारी नदी की सहायक नदी है।

देवतलाई (शाहपुरा जिला) – ताँबे व सोने के भण्डार मिले हैं।

जहाजपुर, बनेड़ा, फुलिया (शाहपुरा जिला) – अभ्रक के भण्डार क्षेत्र।

नात की मेरी क्षेत्र अभ्रक के लिए प्रसिद्ध है जो शाहपुरा जिले में स्थित है।

 

कोठारी नदी

  • यह 03 जिलों में प्रवाहित होती है।
  • इसका उद्गम दिवेर की पहाड़ी (राजसमंद) से होता है।
  • इस पर भीलवाड़ा में मेजा बांध बना हुआ है।
  • इस नदी के किनारे बागोर सभ्यता (भीलवाड़ा) स्थित है।
  • नंदराय कोटड़ी (शाहपुरा) के निकट बनास नदी में मिल जाती है।

 

बनास नदी – शाहपुरा जिले से प्रवाहित होती है।

शाहपुरा

  • शाहपुरा एकीकरण के समय क्षेत्रफल व जनसंख्या के अनुसार सबसे छोटी रियासत थी।
  • सर्वप्रथम उत्तरदायी शासन की स्थापना शाहपुरा में हुई।
  • यह एकीकरण के दूसरे चरण 25 मार्च 1948 ई. में शामिल हुआ।
  • गोकुल लाल असावा (शाहपुरा) – एकीकरण के समय दूसरे चरण के प्रधानमंत्री थे।
  • शाहपुरा प्रजामण्डल – 1938 ई. में गठन।
  • संस्थापक – लादूराम व्यास, रमेशचन्द्र ओझा
  • अध्यक्ष – अभयसिंह डांगी।
  • शाहपुरा का खजुराहो – बनेड़ा (शाहपरा)

 

नोट – खजुराहो (मध्यप्रदेश) नग्न मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।

1. राजस्थान का खजुराहो – किराडू (बाड़मेर)

2. मेवाड़ का खजुराहो – जगत अम्बिका माता (उदयपुर)

3. हाडौती का खजुराहो – भण्डदेवरा (बारां)

 

फड़ कला

  • शाहपुरा जिले की प्रसिद्ध ।
  • जोशी परिवार (शाहपुरा) प्रसिद्ध

1. श्री लाल जोशी (अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध)

2. पार्वती जोशी (प्रथम महिला चितेरी)

  • शाहपुरा मिट्टी के खिलौने के लिए प्रसिद्ध ।
  • अभ्रक खनिज – शाहपुरा के जहाजपुर, बनेडा, फुलिया आदि स्थानों पर।
  • कोटडा (शाहपुरा) – राजस्थान में प्रथम सोने की खान।
  • नोट – जहाजपुर में यूरेनियम भी निकलता है।

फूलडोल महोत्सव

  • रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रधान पीठ शाहपुरा जिले में स्थित है।
  • संस्थापक – संत रामचरण जी।
  • यह महोत्सव चैत्र कृष्ण एकम से पंचमी तक मनाया जाता है।
  • शाहपुरा का बारहठ परिवार

केसरीसिंह बारहठ

  • वीर भारत सभा का 1910 ई. में कोटा में गठन किया।
  • चेतावनी रा चूगंट्या (अमरदास वैरागी द्वारा) नामक डिंगल भाषा में 13 सोरठे लिखे।
  • इनको हजारी बाग जेल में कैद किया गया था।

जोरावर सिंह बारहठ 

  • यह हार्डिंग बम काण्ड में शामिल थे। आजीवन भूमिगत रहे।
  • प्रतापसिंह बारहठ – इनको बरेली जेल में कैद किया गया।
  • बारहठ परिवार शाहपुरा के देवखेड़ा गाँव से है जिसके लिए कहावत है – ‘मेरा गाँव, मेरी धरोहर
  • केसरीसिंह बारहठ की हवेली व पैनोरमा शाहपुरा जिले में स्थित है।

 

त्रिमूर्ति स्मारक – शाहपुरा जिले में स्थित है।

चिमना बावड़ी -शाहपुरा जिले में स्थित है। महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा इसका निर्माण कराया गया।

शहीद मेला – शाहपुरा जिला। 23 दिसम्बर को किसान दिवस के दिन आयोजित।

सरदार निवास महल – बनेड़ा (शाहपुरा) में स्थित है।

बनेड़ा का किला – शाहपुरा।

बाईराज की बावड़ी – बनेड़ा (शाहपुरा)

1946 ई. में शाहपुरा में अखिल भारतीय कांग्रेस का प्रान्तीय सम्मेलन हुआ।

जहाजपुर (शाहपुरा) 

  • यहाँ अर्जुन ने ‘सर्पयज्ञ’ किया तथा यहाँ सर्वेश्वर नाथ मन्दिर स्थित है।
  • घारानी का मेला – जहाजपुर (शाहपुरा) घाटारानी शक्तिपीठ ।
  • फुलिया कला – शाहपुरा जिला।
  • धानेश्वर – शाहपुरा, छोटा पुष्कर कहते हैं।
  • शाहपुरा – आर्य समाज की तपोभूमि, स्वास्तिक जैन मन्दिर स्थित है।

गैबी पीर की दरगाह – जहाजपुर (शाहपुरा), प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल।

बड़ा देवरा

  • शिव मन्दिर, जहाजपुर (शाहपुरा)
  • 1820 ई. में कर्नल जेम्स टॉड ने यहाँ पर यात्रा की।
  • शाहपुरा में माधोशाही व ग्यारस संदिया सिक्के प्रचलित थे।
  • जहाजपुर (शाहपुरा) से महाभारत कालीन अवशेष प्राप्त हुए।
  • शाहपुरा में अखण्ड बाँध स्थित है।
  • चौखी बावड़ी – बनेडा (शाहपुरा) में स्थित है।
  • रामनिवास धाम शाहपुरा ।
  • धनोप माता मन्दिर – धनोप गाँव (शाहपुरा)
  • हम्मीरशाही पगड़ी – शाहपुरा जिला
  • गाड़ोली महादेव – जहाजपुर (शाहपुरा)

हुरड़ा सम्मेलन (शाहपुरा जिला )

  • 17 जुलाई, 1734 को हुआ।
  • प्रस्तावित अध्यक्ष महाराणा) संग्रामसिंह-II (मेवाड़
  • अध्यक्षता – जगतसिंह-II द्वारा की गई।
  • उद्देश्य – मराठों को राजस्थान से बाहर निकालना।
  • भाग लेने वाले शासक – उदयपुर के शासक – जगतसिंह-II, जोधपुर के अभयसिंह, जयपुर के सवाई जयसिंह, बूंदी के दलेलसिंह, किशनगढ़ के राजसिंह, बीकानेर के जोरावरसिंह।
  • परिणाम – हुरड़ा सम्मेलन असफल रहा।

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