आज हम इस आर्टिकल के माधयम से अजमेर जिले सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे | राजस्थान के अजमेर जिले से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे- जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, जिले का मानचित्र, जिले की सीमा, Ajmer Map, Ajmer History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
अजमेर को राजस्थान का ह्रदय कहा जाता है | राजस्थान भारत के राजस्थान राज्य का एक प्रमुख व ऐतिहासिक नगर है। यह अजमेर ज़िले का मुख्यालय भी है। अजमेर अरावली पर्वत श्रेणी की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है। यह नगर सातवीं शताब्दी में अजयराज सिंह नामक एक चौहान राजा द्वारा बसाया गया था। इस नगर का मूल नाम ‘अजयमेरु’ था अजमेर में स्थित अजमेर शरीफ दरगाह देश-विदेश में काफी मशहूर है. गरीब नवाज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की ये दरगाह देश के पवित्र स्थलों में गिनी जाती है |
अजमेर विधान सभा सीटे
1.अजमेर उतर
2. अजमेर दक्षिण
3.पुष्कर
4.किशनगढ़
5.नसीराबाद
Ajmer History Culture & Geography के महत्वपूर्ण जानकारी
उपनाम
- 1.सम्राट प्रथ्वीराज की नगरी
- 2.अंडो की टोकरी
- 3.राजस्थान का हदय
- 4.राजस्थान का नाका
- 5.राजस्थान का जिब्राल्टर
- 6.राजपूताने की कुंजी
अजमेर के विशेष तथ्य
- ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का उर्स
- मेयो कॉलेज
- महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय
- राजस्थान में स्थित एक मात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय
- राजस्व मण्डल का मुख्यालय तारागढ़ दुर्ग (गढ़ बीठली)
- राजस्थान लोक सेवा आयोग का मुख्यालय
- पद्मा डेयरी – राजस्थान की प्रथम डेयरी
- प्रथम बीजीय मसाला अनुसंधान- तबीजी (अजमेर) में
पुष्कर-
- पुष्कर – तीर्थों का मामा
- ब्रह्मा मंदिर – सम्पूर्ण भारत का एकमात्र मंदिर जहाँ विधिवत रूप से ब्रह्माजी की पूजा होती है।
- पुष्कर मेला – राजस्थान का रंगीन मेला
- रंगनाथ जी का मंदिर
- वराह मंदिर
- फूलों की आधुनिक मण्डी
- सावित्री माता मंदिर (राजस्थान का दूसरा रोपवे
किशनगढ़
- बणी-ठणी चित्रकला के लिये प्रसिद्ध ।
- चरी नृत्य के लिये प्रसिद्ध
- राधाजी का मन्दिर
- एशिया की सबसे बड़ी मार्बल मण्डी
कला एंव संस्कृति
मान महल – पुष्कर में मानसिंह प्रथम द्वारा बनवाया गया।
चश्मा-ए-नूर – जहाँगीर द्वारा बनाया गया उद्यान एवं महल जिसे चश्मा-ए-नूर कहा जाता है।
बारहदरी – शाहजहाँ द्वारा आनासागर झील के किनारे बनाये गये बारह दरवाजे हैं। (बैठने का स्थान)
केहरीगढ़ किला – किशनगढ़ (अजमेर) में स्थित है। इसका आन्तरिक भाग ‘जीवरखा’ कहलाता है।
सोनीजी की नसियाँ – सोनीजी की नसियाँ अजमेर में स्थित है जिसे ‘लाल मन्दिर’ कहते हैं। सेठ मूलचन्द सोनी द्वारा इसका निर्माण 1865 ई. में करवाया गया। इसमे ऋषभदेव (आदिनाथ) की मूर्ति स्थापित है। यहाँ पर सिद्धकुट चेतनालय (दिगम्बर जैन मंन्दिर) स्थित है।
दादाबाड़ी – जिनदत्त सुरी का समाधि स्थल अजमेर में स्थित है।
तारागढ़ दुर्ग
- निर्माण – अजयराज द्वारा करवाया गया था।
- इसका तारागढ़ नाम पृथ्वीराज सिसोदिया ने अपनी रानी ताराबाई के नाम पर रखा गया।
- इसे अजयमेरू, गढ़बीठली, राजपुताने की कुंजी, अरावली का अरमान आदि उपनामों से जाना जाता है।
- राजस्थान में सर्वाधिक स्थानीय आक्रमण इसी दुर्ग पर हुए।
- दौराई युद्ध के बाद दारा शिकोह ने इसी दुर्ग में शरण ली थी।मीरान साहब की दरगाह, तारागढ़ (अजमेर) में स्थित है।
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह
- अजमेर में स्थित है।
- गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है।
- इसका निर्माण प्रारम्भ में इल्तुतमिश ने करवाया था तथा बाद मे पूर्ण मुगल शासक हुमायूँ ने किया था।
- इसके वास्तविक निर्माता ग्यासुद्दीन तुगलक (माण्डु के राजा) थे।
- ख्वाजा साहब का उर्स (मेला) 1 रज्जब से 6 रज्जब तक लगता है।
- ख्वाजा साहब के उर्स का ध्वज भीलवाडा के ‘गौरी’ परिवार द्वारा लाया जाता है
मैग्जीन का किला
- इसे अकबर का किला, अकबर का दौलतखाना भी कहते हैं।
- इसका निर्माण 1570 ई. में अकबर ने करवाया था।
- एकमात्र दुर्ग जो मुस्लिम पद्धति से निर्मित है।
- हल्दीघाटी युद्ध की योजना इस किले में बनाई गई थी।
- जेम्स प्रथम के राजदूत सर टॉमस रो ने इस किले में 10 जनवरी 1616 ई. में जहाँगीर से भेंट की थी।
- वर्तमान में इसमें ‘राजपूताना संग्रहालय’ स्थापित किया गया है।
बादशाही भवन
- अजमेर में स्थित है।
- भीमगढ़ दुर्ग – कर्नल टॉड द्वारा निर्मित
- किशनगढ़ किला – अजमेर। 1949 में रूपसिंह द्वारा निर्माण करवाया गया।
कल्पवृक्ष मेला –मांगलियावास (अजमेर) मे श्रावण अमावस्या (हरियाली अमावस्या) को लगता है।
बणी-ठणी-
- किशनगढ़ शैली (अजमेर) का प्रसिद्ध चित्र है जिसे भारत की मोनालिसा एरिक डिक्सन ने कहा था।
- भारत सरकार ने बणी-ठणी चित्र पर मई 1973 ई. में 20 पैसे का डाक टिकट जारी किया।
निम्बार्क सम्प्रदाय-
- प्रमुख पीठ सलेमाबाद, किशनगढ़ (अजमेर) में स्थित है, जो रूपनगढ़ नदी के किनारे स्थित है, जहाँ राधाष्टमी के दिन मेला भरता है।
- इसके प्रवर्तक – निम्बार्काचार्य थे।
- इसके अन्य नाम राधावल्लभ सम्प्रदाय, हंस सम्प्रदाय, सनकादि सम्प्रदाय ।
लाखन कोठरी
- खोबरानाथ का मन्दिर – अजमेर
- राजस्थान में हिंजडों की सबसे बड़ी गद्दी।
- नारेली के जैन मंदिर अजमेर में स्थित।
- नवग्रह मन्दिर – किशनगढ़ (अजमेर)
अजमेर : तथ्य
- अजमेर का शुभंकर खड़मोर
- अजमेर को राजस्थान का हृदय तथा भारत का मक्का, अण्डो की टोकरी, राजस्थान का नाका, राष्ट्रीय राजमार्गों का चौराहा, साम्प्रदायिक सद्भावना का जिला कहते है।
जेठाना – एशियाई विकास बैंक की सहायता से 600 मेगावट का विद्युत स्टेशन स्थापित किया गया है।
चाचियावास – राजस्थान ऊर्जा विकास निगम द्वारा अ दो हॉर्स पॉवर का सौर ऊर्जा स्थल स्थापित किया
गया।
लूनी नदी – नागपहाड़ अजमेर से इसका उद्गम होता है।
गिर नस्ल (रेण्डा) की गायें सर्वाधिक अजमेर में पाई जाती है।
जलवायु – उपआर्द्र जलवायु पाई जाती है।
तिलोनिया
- यह ‘बेयरफुट कॉलेज’ नामक NGO के लिए जाना जाता है। बॅकर राय द्वारा स्थापित यह NGO
- ग्रामीणें को कौशल (Skils) सिखाता है। यह स्थल रंगीन कपड़ों को परस्पर सिलने की
- कला के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ पेंचवर्क का कार्य किया जाता है।
- यहाँ सामाजिक कार्य शोध केन्द्र (SWRS) की भी स्थापना की गई है।
- सबसे प्राचीन दुग्ध डेयरी है।
- पद्मा डेयरी – अजमेर में स्थित है जो राज्य की
- टेक्सटाइल पार्क – किशनगढ़ के सिलोरा (अजमेर) में स्थित ।
- संगमरमर मण्डी – किशनगढ़ (अजमेर)
- आंवला नर्सरी- अजमेर। एस्ट्रोटफ पार्क – अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी का मैदान अजमेर में स्थित है।
- केंद्रीय विश्वविद्यालय – बांदर सिंदरी (किशनगढ़, अजमेर) में स्थापित है।
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का मुख्यालय अजमेर में है जिसकी स्थापना 01 अगस्त 1957 में हुई।
राजस्थान लोक सेवा आयोग- अजमेर – इसकी स्थापना 20 अगस्त 1949 को की गई थी। (कार्य प्रारम्भ 22 दिसम्बर 1949 से)
राजस्व मण्डल-अजमेर स्थापना-01 नवम्बर 1949 – क्षेत्रीय विधि विज्ञान संग्रहालय – अजमेर
आनासागर झील – 1137 ई.
- अजमेर में स्थित है।
- चन्द्रा नदी का जल रोककर अर्णोराज द्वारा निर्माण करवाया गया।
- जहाँगीर ने इसके पास दौलत बाग बनाया, जिसे वर्तमान में सुभाष उद्यान कहा जाता है, जहां अस्मत बेगम (नूरजहाँ की माँ) ने सर्वप्रथम गुलाब से इत्र बनाने की विधि का निर्माण किया।
- शाहजहा ने यहाँ बारहदरी का निर्माण कराया।
पुष्कर
- पुष्कर को राजस्थान का प्रयाग राज, कोंकण तीर्थ, तीर्थराज एवं तीर्थों का मामा कहते हैं।
- पुष्कर में कार्तिक पूर्णिमा को राजस्थान का प्रसिद्ध रंगीन मेला लगता है।
- पुष्कर मेरवाड़ा प्रदेश का कुम्भ कहलाता है। पुष्कर में निम्न मंदिर स्थित है-
- 1. ब्रह्माजी का मन्दिर
- 2. सावित्री माता मन्दिर
- 3. गायत्री माता मन्दिर
- 4. बैकुण्ठ नाथ मन्दिर
- 5. नौसर माता मन्दिर (पुष्कर घाटी)
- 6. रंगनाथ जी का मंदिर
- 7. वराह मन्दिर (अर्णोराज द्वारा निर्मित)
पुष्कर झील
- राजस्थान की प्राचीन, पवित्र और प्राकृतिक झील।
- पुष्करणा ब्राह्मणों द्वारा खोदी गई इसलिए इसका नाम पुष्कर झील पड़ा।
- इस झील के किनारे 52 घाट हैं।
- महिला घाट का निर्माण 1911 ई. में मैडम मैरी के आगमन पर करवाया गया जिसे
- वर्तमान में गांधीघाट कहते हैं।
- पुष्कर झील में गांधीजी की अस्थियाँ विसर्जित की गई थी
- इस झील के किनारे विश्वामित्र ने तपस्या की थी, जिसे मेनका ने भंग कर दिया।
- इस झील मे सफाई कार्य कनाड़ा के सहयोग से संचालित है।
- पुष्कर को तीर्थों का मामा कहते हैं।
- पुष्कर झील के किनारे वेदव्यास ने महाभारत ग्रंथ की रचना की थी।
- इस झील के किनारे सावित्री माता मन्दिर है जो रत्नागीरी पहाड़ी पर स्थित है।
फॉयसागर झील
- बांड़ी नदी पर बाँध बनाकर इंजिनियर फॉय द्वारा 1891-92 ई. में अकाल राहत कार्य के तहत इसका निर्माण करवाया गया।
- मुडोती सिंचाई परियोजना – अजमेर
- मकरेड़ा झील – अजमेर
- बीसल सागर झील (टोंक) – विग्रह राज चतुर्थ द्वारा निर्माण करवाया गया।
लूणी नदी – नागपहाड़ (अजमेर)
- महाकवि कालिदास ने इसे ‘अन्तः सलिला’ कहा।
- प्रवाह क्षेत्र – अजमेर, नागौर, ब्यावर, जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, बालोतरा, सांचौर। इस नदी को आधी खारी-आधी मीठी के नाम से जाना जाता है।
- पश्चिमी राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है।
- उद्गम स्थान पर इसे सागरमती नाम से जानते हैं।
- इसे मरूस्थल की गंगा भी कहा जाता है।
हिन्दुस्तान मशीन टुल्स (HMT)
- अजमेर में स्थित है।
- इसकी स्थापना 1967 ई. में चेकोस्लोवाकिया के सहयोग से की गई है।
- कानपुरा (अजमेर) बराक आबामा द्वारा की गई कॉन्फ्रेंस के कारण प्रसिद्ध है।
- उत्तरी भारत का प्रथम महिला इंजीनियरिंग कॉलेज, अजमेर में स्थित है।
- मेयो कॉलेज – अजमेर मेयो कॉलेज की योजना के जनक कर्नल वाल्टर थे। 1875 ई. में वायसरॉय मेयो ने इसकी स्थापना की थी।
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षक परिषद 1961 ई. अजमेर में स्थापित की गई ।
- आंतेड़ की छतरियाँ – अजमेर – दिगम्बर जैन सम्प्रदाय से संबंधित है।
- राजकीय कुक्कुट प्रशिक्षण संस्थान अजमेर में स्थित है।
- राज्य सरकार का बकरी प्रजनन एवं चारा अनुसंधान संस्थान रामसर (अजमेर) में है।
NCERT का क्षेत्रीय कॉलेज (RIE) – अजमेर
तबीजी – राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया है।
इतिहास
- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार अजमेर नगर की स्थापना 7वीं शताब्दी के चौहान राजा अजयपाल द्वारा की गई।
- अजमेर के संस्थापक – अजयराज
- अधिकार रहा।
- 1113 ई. से 1192 ई. तक अजमेर पर चौहानों का
- अजमेर को सर्वप्रथम राजधानी – अजयराज ने बनाया।
- 1558 ई. में अकबर ने अजमेर को मुगल साम्राज्य का मुख्यालय बना दिया।
- 1832 ई. में अंग्रेजों ने अजमेर में कमिश्नरी कार्यालय स्थापित कर अजमेर को केन्द्रशासित प्रदेश वि का दर्जा दिया गया।
- ए.जी.जी. का मुख्यालय अजमेर था। (राजस्थान के प्रथम एजीजी मिस्टर लॉकेट) थे।
- 01 नवम्बर 1956 ई. को अजमेर-मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय कर दिया गया।
प्रारम्भिक इतिहास
- सर्वप्रथम अजमेर पर चौहानों का अधिकार रहा।
- चौहान मूल रूप से सांभर (जयपुर) के निवासी थे।
- अजयराज ने सर्वप्रथम सांभर को छोड़कर अजमेर को चौहान साम्राज्य की राजधानी बनाई।
अजयराज
- 1105 ई. से 1133 ई. तक अजमेर के चौहान साम्राज्य के संस्थापक थे।
- 1113 ई. को अजमेर को राजधानी बनाई।
- इन्होंने दिगम्बर-श्वेताम्बर के मध्य होने वाले ‘सम्वाद’ (शास्त्रार्थ दंगल) की अध्यक्षता की।
- अजयराज शैव धर्म का अनुयायी था।
- मालवा के राजा ‘नरवर्मन’ को पराजित किया तथा सिंधूल, चाचिंग एवं यशोराज नामक राजाओं का वध किया।
- अजयराज के सिक्कों पर ‘रानी सोमलेखा’ (सोमलवती) का उल्लेख मिलता है।
अर्णोराज (1133-1155 ई.)
- अनाजी के नाम से प्रसिद्ध
- अजयराज के पुत्र थे।
- आनासागर झील का निर्माण 1137 ई. में बांडी नदी के किनारे कराया।
- इन्होंने पुष्कर में वराह मन्दिर का निर्माण कराया। राजा जयसिंह सिद्धराज (चालुक्य) को पराजित करके इसकी पुत्री कंचन देवी से विवाह किया था।
- देवबोध एवं धर्मघोष अर्णोराज के दरबारी कवि थे।
- अर्णोराज ने अपनी पुत्री ‘जल्हणा’ का विवाह सोलंकी राजा कुमारपाल से किया। अर्णोराज की हत्या इसके पुत्र जगदेव ने की थी।
विग्रहराज चतुर्थ (1155-1163 ई.)
- अर्णोराज के पुत्र
- उपनाम – बीसलदेव, कवि बांधव, कटिबंधु। 1
- 153 ई. में विग्रहराज ने अजमेर में संस्कृत पाठशाला का निर्माण कराया जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1194 ई. में तुड़वाकर ‘अढाई दिन का झोंपड़ा’ बना दिया।
- इनका काल चौहानों का ‘स्वर्णकाल’ माना जाता है।
- इन्होंने संस्कृत भाषा में ‘हरिकेली नाटक’ की रचना की जो अर्जुन तथा शिव के मध्य हुए युद्ध का वर्णन है।
- हरिकेली नाटक के अंशों को ‘ढाई दिन के झाँपड़े तथा राजा राममोहन राय’ की समाधि पर उत्कीर्ण करवाया गया।
- सोमदेव विग्रहराज चतुर्थ के दरबारी कवि थे जिन्होंने ललित विग्रहराज नाटक की रचना की थी।
- नरपति नाल्ह ने गौड़वाड़ी में बीसलदेव रासो की रचना की थी।
- बीसलदेव ने शिवालिक स्तम्भ की स्थापना दिल्ली में की।
पृथ्वीराज द्वितीय-
- जगदेव का पुत्र (अर्णोराज का पौत्र)
- इसके काल में सोमेश्वर ने मूर्तिकला का विकास अजमेर में किया।
- सोमेश्वर को अजमेर में ‘मूर्तिकला का जनक’ कहते हैं।
पृथ्वीराज तृतीय (1177-92 ई.)
- जन्म 1166 ई. अन्हिलवाड़ (गुजरात) में हुआ। पिता – सोमेश्वर चौहान, माता- कर्पूरी देवी (कलचुरी राजकुमारी)
- प्रमुख युद्ध :-
(1) गुडगांव (हरियाणा) का युद्ध (1178 ई.
(2) महोबा का युद्ध (तुमुल का युद्ध) 1182 ई.
(3) नागौर का युद्ध – 1184
(4) तराईन का प्रथम युद्ध – 1191 – पृथ्वीराज – III व मोहम्मद गौरी (पृथ्वीराज-III विजय) तराईन का द्वितीय युद्ध – 1192 – पृथ्वीराज-III व मोहम्मद गौरी (मोहम्मद गौरी विजय)
महत्वपूर्ण तथ्य
कपिलमुनि
- जन्म आठवीं/नवी शताब्दी के लगभग पुष्कर के समीप एक गांव में हुआ।
- सर्वप्रथम अणुओं और परमाणुओं का गहन अध्ययन किया तथा इनके द्वारा सांख्यशास्त्र की रचना की गई।
माणिक्यलाल वर्मा – इन्होंने अजमेर से ‘मेवाड़ का वर्तमान शासन’ नामक पुस्तक प्रकाशित की।
हरविलास शारदा
- इन्होंने बाल विवाह का विरोध किया तथा 1929 ई. में ‘शारदा एक्ट’ के नाम से बाल विवाह विरोधी कानून पास करवाया।
- वर्ष 1911 में हरविलास शारदा ने ‘अजमेर हिस्टोरिकल एण्ड हेस्क्रिप्टिव’ पुस्तक का प्रकाशन किया।
पण्डित दुर्गालाल – कत्थक कलाकार यह पखवाज कला में सिद्धहस्त थे।
गुलाबो –कोटड़ा के सपेरा परिवार में वर्ष 1969 में जन्मी गुलाबो ने कालबेलिया नृत्य को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित किया।
रीमा दत्ता –राजस्थान की जलपरी के नाम से विख्यात रीमा दत्ता को सर्वश्रेष्ठ महिला तैराक घोषित किया गया तथा तैराकी में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाली ये देश की पहली महिला तैराक है।
रामकिशन सोलंकी
- पुष्कर में जन्म हुआ था।
- राजस्थान के प्रसिद्ध नगाड़ा वादक (नगाड़े का जादुगर)।
फलकू बाई – चरी नृत्य की प्रमुख नृत्यांगना किशनगढ़ (अजमेर)
अरुणा राय
- यह प्रसिद्ध सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यकर्ता है जिनका कार्यक्षेत्र अजमेर रहा है।
- सूचना का अधिकार आन्दोलन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हुई।
- अरूणा राय ने ब्यावर में मजदूर किसान शक्ति संगठन (MKSS) की स्थापना की थी।
- आरटीआई को लागू करने के लिए अरूणा राय के नेतृत्व में जो आंदोलन हुआ उसमें MKSS की प्रमुख भूमिका थी।
- यह रैमन मैग्ससे पुरस्कार पाने पाली राज्य की प्रथम महिला ।
- अरूणा राय के प्रयासों से तिलोनिया (अजमेर) में सामाजिक कार्य एवं अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया।
मन्नु भण्डारी का जन्म अजमेर में हुआ था।
नागरीदास जी पैनोरमा – सलेमाबाद (अजमेर) में स्थित है।
किशनगढ़ प्रजामण्डल – स्थापना 1939 ई. में की गई। कांतिलाल चौथानी एवं जमालशाह द्वारा
अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) – 14 अगस्त, 2013 को स्थापना की गई।
बादशाह अकबर ने 5 बार अजमेर की पैदल यात्रा की थी।
रेलवे पुलिस मुख्यालय – अजमेर में स्थित है।
हटुण्डी आश्रम – अजमेर। हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा स्थापित किया गया था।